लेखनी कहानी -28-Feb-2022 गांधीवाद और साहित्यवाद
अतुलनीय योगदान दिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने
हिंदी भाषा सीखने में मदद की स्थानीय लोगों ने |
जब देखा उन्होंने हिंदी भाषा पूरे राष्ट्र में बोली जाती ,
हिंदी को तब राष्ट्रभाषा बनाने का आग्रह किया उन्होंने |
पत्रकारों को भी कहा बताने को दुनिया को ,
अंग्रेजी नहीं आती यहांँ गांधी को | बंटवारे को भी लेकर क्षुब्ध था उनका मन ,
हिंदी भाषा का अप्रतिम सम्मान सम्मान था मन में |
राष्ट्रीय आंदोलन में हिंदी भाषा को दिया स्थान था ,
हिंदी भाषा से बाकी नेताओं को भी जोड़ दिया |
अपने पत्र हरिजन में लेख लिखा उन्होंने ,
प्रेमचंद जी को हिंदी साहित्य से जोड़ना संभव बनाया उन्होंने |
अपनी लिखने और बोलने वाली हिंदी को,
हिंदुस्तानी भाषा का उन्होंने नाम दिया |
संपर्क की भाषा में हिंदी का प्रयोग किया ,
हिंदी भाषा की उन्नति पर जोर दिया ||
शिखा अरोरा (दिल्ली)
राजीव भारती
01-Mar-2022 01:16 PM
जी बेहतरीन रचना।
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